'सांभा' की बेटियों की फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' में फिर परदे पर दिखेंगी वहीदा रहमान
स्केटबोर्डिंग खेल पर आधारित है दिवंगत अभिनेता मैक मोहन की बेटियों का है यह फिल्मी प्रोजेक्ट
अभिनेत्री वहीदा रहमान अब फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी। जी हां बीते जमाने की प्रख्यात अभिनेत्री वहीदा रहमान को आप जल्द ही एक बार फिर परदे पर देखने वाले हैं। हिन्दी सिनेमा में पचास, साठ, और सत्तर के दशक की बेहतरीन अभिनेत्रियों में शुमार वहीदा रहमान इससे पहले वर्ष 2018 में रिलीज हुई कमल हासन की फिल्म विश्वरूपम-2 में नजर आई थीं। अब वह फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी, जो इस साल रिलीज हो सकेगी। खेल आधारित यह फिल्म मैक प्रोडक्शन्स के बैनर तले बन रही है।
अपने जमाने में भारतीय सिनेमा को कई बेमिसाल फिल्में देने वाली वहीदा रहमान अब निर्देशिका मंजरी मकीजानी की स्केटबोर्डिंग (स्केटिंग) खेल पर आधारित फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' में नजर आएंगी। मंजरी दिवंगत अभिनेता मैक मोहन यानी 'सांभा' की बेटी हैं। लॉस एंजेलिस में रहने वाली मंजरी ने 'डेजर्ट डॉल्फिन' के जरिए फिल्म मेकिंग के क्षेत्र में कदम रखा है। मैक मोहन की दूसरी बेटी विनती भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई हैं, वे मैक प्रोडक्शन्स की सह-लेखिका और निर्माता हैं। साथ ही वह इस फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका में अभिनय भी करती दिखेंगी।
पहली बार महिला निर्देशक संग काम करने रही हैं वहीदा
पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री वहीदा रहमान अपने 65 साला फिल्म करियर में किसी महिला निर्देशक संग पहली बार काम कर रही हैं। वहीदा ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत वर्ष 1955 में तेलगू फिल्म से की थी। इसके बाद वर्ष 1956 में वहीदा ने प्रख्यात अभिनेता, निर्देशक व निर्माता गुरुदत्त की फिल्म 'सीआईडी' में खलनायिका के किरदार से हिन्दी सिनेमा जगत में अपनी पारी शुरू की थी।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने अब तक के करियर में पहली बार किसी महिला निर्देशक के साथ काम करने को लेकर वहीदा काफी उत्साहित भी हैं। इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाबत वहीदा रहमान ने पिछले दिनों कहा था कि इससे पहले मैंने 'स्केटबोर्डिंग' यानी स्केटिंग खेल के बारे में ज्यादा नहीं सुना था और भारत में स्केट पार्क भी नहीं देखे थे, लेकिन जब फिल्म की कहानी सुनी तो इसके अनोखे कॉन्सेप्ट से प्रेरित होकर तुरंत ही इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने को लेकर हामी भर दी।
16 वर्षीय प्रेरणा की कहानी है फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन'
फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' की कहानी राजस्थान के एक गांव की 16 वर्षीय लड़की प्रेरणा की जिंदगी पर आधारित है, जिसका सपना स्केट बोर्डिंग जैसे खेल में नाम रोशन करने का है। साथ ही वह अपने समाज की बुराइयों से भी लड़ने का फैसला करती है। इस काम में उसे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी दौरान प्रेरणा की मुलाकात लॉस एंजेलिस की एक ग्राफिक आर्टिस्ट जेसिका से होती है। जेसिका भी स्केट बोर्डिंग में अपना परचम लहराना चाहती है। यही सपना इन दोनों लड़कियों को एक साथ आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता है। वह न केवल हर बाधा को लांघ कर स्केटिंग करती हैं, बल्कि गांव में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को लेकर •ाी अपना अभियान चलाती हैं।
फिल्म निर्माताओं ने गांव में बनवाया विशाल स्केट पार्क
फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' की पृष्ठभूमि राजस्थान के उदयपुर के पास स्थित एक गांव खेमपुर पर आधारित है, जहां निर्माताओं ने एक स्केट पार्क का निर्माण भी कराया है। यह विशाल स्केटपार्क 100 रैंप के साथ 14,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है। इस काम में उन्होंने एक कोचिंग समूह होली स्टोक्ड कलेक्टिव सहित कई विशेषज्ञों से मदद ली है।
व्यापक स्तर पर किया गया है शोध
स्केटिंग पर आधारित फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' पर काम शुरू करने पूर्व इसकी टीम द्वारा संबंधित विषय को लेकर व्यापक स्तर पर शोध किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंजरी मकीजानी ने सितंबर 2016 में इस परियोजना के लिए शोध करना शुरू किया था। फिल्म का निर्माण करने वाली विनती मकीजानी ने बताया कि उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट को लेकर राजस्थान, मुंबई, दिल्ली और मध्य प्रदेश के गांवों में 3000 से अधिक बच्चों के साथ कार्यशालाएं आयोजित कीं।
मशहूर अभिनेता थे मंजरी और विनती के पिता
रमेश सिप्पी की फिल्म 'शोले' में 'सांभा' का किरदार निभाने वाले अभिनेता मैक मोहन की बेटियां भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रही हैं। मंजरी और विनती के दिवंगत पिता मैक मोहन हिन्दी फिल्मों के दर्शकों के लिए जाना-पहचाना नाम है। मैक ने फिल्मों में अभिनय करने से पहले अपने करियर की शुरूआत मशहूर फिल्मकार चेतन आनंद के साथ सहायक के रूप में की थी। इसके बाद मैक ने साल 1964 में फिल्म 'हकीकत' से अपने अभिनय की पारी शुरू की थी। भारतीय सिनेमा की कालजयी फिल्मों में शुमार 'शोले' में मैक मोहन ने 'सांभा' का लोकप्रिय किरदार निभाया था। वर्ष 1975 में आई फिल्म 'शोले' के बाद मैक मोहन 'सांभा' नाम से मशहूर हो गए थे। मैक मोहन ने 'शोले' के अलावा 1970 और 80 के दशक में डॉन, कर्ज, सत्ते पे सत्ता, जंजीर, रफू चक्कर, शान, खून पसीना और हस्ते जख्म समेत दर्जनों हिट फिल्मों में काम किया था।मैक मोहन ने अपने 46 साल के करियर में हिन्दी, पंजाबी, भोजपुरी, मराठी, सिंधी आदि विभिन्न भाषाओं की लगभाग 200 फिल्मों में काम किया। मैक की आखिरी फिल्म 'अतिथी तुम कब जाओगे' थी। 2010 में 10 मई को उनकी मौत हो गई थी।
दोनों बहनें कई फिल्मों में कर चुकी हैं काम
दिवंगत अभिनेता मैक मोहन की बेटियां मंजरी और विनती अपने पिता के नाम पर बनी कंपनी 'मैक प्रोडक्शन्स' की फिल्म 'डेजर्ट डॉल्फिन' के जरिए बेशक बॉलीवुड में अब अपना फिल्म मेकिंग डेब्यू किया हो, लेने वे दोनों पहले से ही फिल्मों से जुड़ी हुई हैं। दोनों बहनें पूर्व में कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं। मंजरी अब तक कई फिल्मों में सहायक निर्माता के तौर पर काम कर चुकीं हैं। उनकी बहन विनती ने विशाल भारद्वाज की सात खून माफ और वेकअप सिड जैसी कई फिल्मों में काम किया है।
मंजरी हैं लॉस एजेंलिस बेस्ड फिल्म निर्माता
मंजरी मकीजानी का बेशक यह बॉलीवुड डेब्यू है लेकिन,वह एक लॉस एजेंलिस बेस्ड फिल्म निर्माता हैं। मंजरी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर द डार्क नाइट राइज और डनकर्क, पैटी जेनकींस इन वंडर वुमन, मिशन इम्पॉसिबल: घोस्ट प्रोटोकॉल के क्रिस्टोफर नोलन के साथ काम कर चुकी हैं। उन्होंने तीन लघु फिल्मों का निर्देशन भी किया है।