नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने बंधुआ बाल मजदूरी और बाल तस्करी के तेजी से बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए राजनीतिक दलों और सांसदों से संसद के आगामी मानसून सत्र में बाल तस्करी निरोधक विधेयक पारित करने की मांग की है।
सत्यार्थी ने बुधवार को यहां कि इस विधेयक का पारित होना उन 12 लाख भारतीयों की शानदार जीत कही जाएगी, जिन्होंने वर्ष 2017 में देशव्यापी ‘भारत यात्रा’ की थी और बाल तस्करी के विरुद्ध मजबूत कानून बनाने की मांग की थी।
सत्यार्थी ने कहा कि कानून बनाने की इस मांग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए देशभर के बाल अधिकार कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन सदस्य और मुक्त बाल मजदूर नेता भी जन-जागरुकता अभियान चलाएंगे और अपने-अपने स्थानीय सांसदों से मिलेंगे और उनसे बाल तस्करी विरोधी विधेयक पारित करने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने भारत में सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित किया है और खासकर वंचित बच्चों की सुरक्षा के खतरों को बढ़ाया है। कोरोनाकाल में बाल श्रम और बाल तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हर दिन 8 बच्चे तस्करी के शिकार होते हैं।