दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद एवं उर्वरक घोटाला के सिलसिले में गिरफ्तार अमरेंद्र धारी सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इफको और इंडिया पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) से जुड़े कथित उर्वरक घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। सांसद एवं व्यापारी सिंह को ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बताया गया है, जो कथित तौर पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में शामिल है।
विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकील की दलील सुनने अमरेंद्र धारी की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मौजूदा मामला उर्वरकों के आयात में अपराध करते समय हुई आमदनी से संबंधित है। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं, क्योंकि करीब 685 करोड़ रुपये के धनशोधन के मामले में वह कथित तौर पर शामिल रहे हैं। अदालत ने आगे कहा कि आरोपी मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद है और उर्वरक के लिए गठित संसदीय स्थायी समिति का सदस्य भी है। इसलिए, इस बात के आसार हैं कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण वह कुछ गवाहों को प्रभावित कर सकता है, जो उर्वरकों के आयात में शामिल विभिन्न कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।