भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने योगी सरकार में हिरासत में मौत की घटनाएं लगातार बढ़ने का आरोप लगाया है तथा इसे चिंताजनक भी कहा है ।
अम्बेडकर नगर जिले के जैतपुर थाने की हिरासत में एक अल्पसंख्यक युवक की मौत की ताजा घटना और प्रदेश में एनकाउंटर के बढ़ते मामले मानवाधिकारों व लोकतंत्र की गिरती हालत के प्रमाण हैं।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को कहा कि ठांय-ठांय व भ्रष्टाचार के प्रति कथित 'जीरो टॉलरेंस' वाली सरकार में यूपी दरअसल मानवाधिकारों की कब्रगाह और थाने भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। आजमगढ़ के पवाई थानाक्षेत्र के हाजीपुर कुदरत गांव निवासी जियाउद्दीन को अम्बेडकरनगर जिले की पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। परिजनों के अनुसार उनकी गिरफ्तारी 24 मार्च को हुई और 25-26 मार्च के बीच की रात हिरासत में उनकी मौत हो गई। पुलिस ने ऐसे मामलों की पूर्व की कहानियों की तरह इसे भी बीमारी (दिल का दौरा पड़ने) से हुई मौत बताया, जबकि परिवारजनों के अनुसार पुलिस की पिटाई से जियाउद्दीन की जान गई।
उन्होंने कहा कि खबर के अनुसार, मृतक के परिवार वालों का यह भी कहना है कि मुकदमे से उसका नाम निकालने के लिए पुलिस ने बतौर रिश्वत मोटी रकम की मांग रखी थी, जिसे देने में असमर्थ होने के चलते उसे पूछताछ के नाम पर 'थर्ड डिग्री' दिया गया और उसकी मौत हो गई।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आंकड़े गवाह हैं कि जबसे योगी सरकार आयी है, यूपी हिरासती मौतों में हर साल देशभर में अव्वल रहा है। यूपी एनकाउंटर प्रदेश बन गया है।