केंद्रीय संसदीय मामलों और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने कोविड -19 रोगियों के इलाज और महामारी से निपटने के उपायों के लिए देश भर में जिलों को दी गई खनिज निधि के 30 प्रतिशत के उपयोग के वास्ते अधिकृत किया है।
खनिज निधि, जिसे डीएमएफ कहा जाता है, अनिवार्य रूप से खनन से प्रभावित हर राज्य में सभी जिलों में स्थापित किए जाते हैं। डीएमएफ को ऐसे संस्थानों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो खनन से संबंधित कार्यों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हित एवं लाभ के लिए काम करते हैं।
जोशी यहां धारवाड़ जिला प्रशासन को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत एमईसीएल कंपनी द्वारा कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दान किए गए 80 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सौंपने के लिए आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।
देश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में जोशी ने कहा कि केंद्र स्थिति को संभालने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। कोविड -19 महामारी से पहले, चिकित्सा उपयोग के लिए देश में ऑक्सीजन के कुल उत्पादन का लगभग 5700 टन यानी लगभग एक प्रतिशत की मांग थी, लेकिन अब यह 18000 टन तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में केवल 11,000 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।
जोशी ने कहा कि 40 से अधिक देशों ने अब तक मदद को आगे बढ़ाया है और महामारी से निपटने के लिए अब तक लगभग 2285 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन बहरीन, कुवैत और फ्रांस से आयात किया गया है। साथ ही 322 करोड़ रुपये की लागत वाला ऑक्सी केयर सिस्टम पीएम केयर फंड से खरीदा गया है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन की शीशियों का उत्पादन 38 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ करने की कार्रवाई भी की गई है।