बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कोरोना काल में सेना की भर्ती पर लगायी गयी रोक को दो साल बाद भी जारी रखने के सरकार के फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सेना में भर्ती का जज्बा रखने वाले परिश्रमी युवाओं के लिये यह अच्छी खबर नहीं है। उन्होंने सरकार से कोरोना से उत्पन्न माहामारी के हालात अब सामान्य होने का हवाला देते हुए सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, “कोरोना के कारण सेना में भर्ती रैलियों के आयोजन पर पिछले दो साल से लगी हुई रोक अभी आगे लगातार जारी रहेगी। संसद में दी गई यह जानकारी निश्चय ही देश के नौजवानों, बेरोजगार परिवारों व खासकर सेना में भर्ती का जज्बा रखने वाले परिश्रमी युवाओं के लिए अच्छी खबर नहीं है।”
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान 2020 से सेना के भर्ती अभियानों पर रोक लगी हुयी है। सरकार की ओर से संसद में बताया गया कि सेना में भर्ती पर लगी यह रोक फिलहाल जारी रहेगी।
मायावती ट्वीट कर कहा, “मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर सैन्य अफसर भी चिन्तित हैं, क्योंकि उनके अनुसार इस आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।”