चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाये जाने को कांग्रेस का चुनावी हथकंडा बताते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उम्मीद जाहिर की कि पंजाब में दलित वर्ग के लोग बहकावे में नहीं आयेंगे।
मायावती ने सोमवार को कहा कि सिर्फ पांच महीने के लिए दलित वर्ग से बनाये गये मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को वह हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देती है लेकिन बेहतर होता यदि कांग्रेस पहले ही इनको पूरे पांच वर्ष के लिए यहाँ का मुख्यमंत्री बना देती। अब कुछ ही समय के लिए इनको पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना तो यह सब इनका कोरा चुनावी हथकण्डा है इसके सिवाय कुछ भी नहीं है। उन्होने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट है कि कांग्रेस पंजाब में अकाली दल और बसपा के बने गठबन्धन से काफी ज्यादा घबराई हुई है लेकिन उन्हे पूरा भरोसा है कि पंजाब के दलित वर्ग के लोग भी इनके इस हथकण्डे के बहकावे में कतई भी नहीं आने वाले हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा कि सच्चाई यही है कि कांग्रेस व अन्य विरोधी पार्टियों को भी मुसीबत या फिर मजबूरी में ही दलित वर्ग के लोग केवल इन्हें याद आते है, जैसा कि खासकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के साथ संविधान बनाने में हुआ तथा अगर वे न होते तो आज पूरे देश में दलितों को आदिवासियों को व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को भी जो कुछ भी संवैधानिक कानूनी अधिकार मिले हैं तो शायद वे भी नहीं मिलते। उन्होने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से खासकर मुस्लिम समाज के लोग जो आज थोडे-बहुत सुरक्षित हैं तो शायद ये भी नहीं होते क्योंकि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर ने देश का संविधान किसी जाति और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्षता के आधार पर ही बनाया।
मायावती ने कहा कि इसी प्रकार यूपी विधानसभा आमचुनाव सेे कुछ समय पहले भाजपा का भी खासकर ओबीसी समाज के प्रति उभरा नया-नया प्रेम वास्तव में यह दिखावटी व हवा-हवाई आदि ना होकर यदि थोड़ा भी सही व सार्थक होता तो इनकी केन्द्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इनके साथ-साथ एस.सी. व एस.टी. की भी सरकारी नौकरियों में अभी तक इनके बैकलॉग को जरूर भर देती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ना ही ओबीसी की जातीय जनगणना की माँग को ही स्वीकार किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि भाजपा व अन्य सभी जातिवादी पार्टियाँ देश में ओबीसी के लोगोें की जनगणना कराने में वैसे ही घबरा रही हैं जिस प्रकार से इनके आरक्षण सम्बंधी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने में इनके लोगों ने अति उग्र होकर पूरे देश में आन्दोलन किया था। लेकिन अब भाजपा का भी इनके वोट की खातिर यहाँ आसानी से इनका कोई भी नाटक चलने वाला नहीं है। अब इनकी काँठ की हांडी बार-बार चढ़ने वाली नहीं है।