चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में करीब दस महीने से चल रहे गतिरोध के बीच सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि भारत बातचीत और राजनैतिक प्रयासों से मुद्दे का समाधान करने का पक्षधर है लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
सेना दिवस के मौके पर शुक्रवार को यहां परेड ग्राउंड में अपने पारंपरिक उद्बोधन में जनरल नरवणे ने कहा , “ पिछला वर्ष सेना के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। उत्तरी सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव से सभी परिचित हैं। देश की सीमाओं पर एकतरफा बदलाव की साजिश का मुंह तोड़ जवाब दिया गया। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गलवान के वीरों की शाहदत व्यर्थ नहीं जायेगी। भारतीय सेना देश भी संप्रभुता और सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आने देगी। हम बातचीत और राजनैतिक प्रयासों से विवादों के समाधान के प्रति वचनबद्ध हैं लेकिन कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती न करें। ”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की आठ दौर की बातचीत हो चुकी है और परस्पर तथा समान सुरक्षा के सिद्धांत पर मौजूदा स्थिति का हल निकालने के प्रयास जारी रहेंगे। पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों के हौसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,“ भारी ठंड और कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमारे सैनिकों का मनोबल उन पर्वत शिखरों से भी बहुत ऊंचा है जिनकी वो मुस्तैदी से रक्षा कर रहे हैं। ”
जनरल नरवणे ने देश सेवा में प्राणों का बलिदान देने वाले शहीदों की शाहदत को भी इस मौके पर याद किया और उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा , “ आज हम अपने उन शहीदों को याद करते हैं जिन्होंने देश की रक्षा में वीरगति प्राप्त की है। उनकी शाहदत समस्त देश और भारतीय सेना के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं उनके परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा खड़े रहेंगे। ”
इस मौके पर उन्होंने सेना द्वारा विकसित ‘ इंडियन आर्मी मोबाइल ऐप’ की भी शुरूआत की। उन्होंने कहा कि ये ऐप देश के नागरिकों खास तौर पर युवा पीढी को भारतीय सेना के बारे में विस्तृत जानकारी देगी।