विपक्ष ने राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था में परिवर्तन संबंधी विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए आज सरकार पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली विधानसभा को पंगु बनाकर उपराज्यपाल के माध्यम से शासन को अपने हाथ में लेना चाहती है।
राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2021 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा। 1990 के दशक में संविधान संशोधन में व्यवस्था की गयी थी कि पुलिस, कानून व्यवस्था और भूमि, ये तीन छोड़ कर सभी विषयों पर दिल्ली की विधानसभा कानून बना सकेगी। लेकिन उस कानून की धारा 21 और 24 में बदलाव करके उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली का शासन को अपने हाथ में लेना चाहती है। धारा 94 की उपधारा 02 के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 69 की धज्जियां उड़ा दी गयीं हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा के नियम एवं प्रक्रियाओं को लोकसभा के नियम एवं प्रक्रियाओं के समान बनाने का प्रस्ताव है जो दिल्ली विधानसभा की संप्रभुता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली विधानसभा का सरकार के कामकाज पर विधायी नियंत्रण नहीं होगा तो फिर विधानसभा का कोई मतलब नहीं है। इसकी जगह कोई विचार विमर्श का मंच हो सकता है।