उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में सजायाफ्ता पूर्व सांसद सज्जन कुमार के स्वास्थ्य की स्थिति की समीक्षा करने का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मंगलवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग कर रहे पूर्व कांग्रेस नेता की याचिका पर सीबीआई को 6 सितम्बर तक हलफनामा दायर करने को कहा है।
गत वर्ष 4 सितम्बर को तत्कालीन पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने यह कहते हुए पूर्व कांग्रेस नेता की जमानत मंजूर करने से इनकार कर दिया था कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। खंडपीठ में उस वक्त न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम शामिल थे। इससे पहले भी 13 मई, 2020 को भी सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत पर रिहाई का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। न्यायालय ने तब कहा था कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बोर्ड की मेडिकल रिपोर्ट में ऐसा कोई आधार नहीं प्रदर्शित किया गया था जिसके कारण अस्पताल में वह भर्ती हों।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को 17 दिसंबर 2018 को राजनगर इलाके में 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।