बजट में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और सरकारी उधारी बढ़ाने के प्रस्तावों से घरेलू शेयर बाजारों में आज 10 महीने की सबसे बड़ी तेजी देखी गई।
लगातार छह दिन की गिरावट से उबरता हुआ बीएसई का सेंसेक्स 2,314.84 अंक यानी पाँच प्रतिशत उछलकर 48,600.61 अंक पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी दिवस यह 46,285.77 अंक पर रहा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 646.60 अंक यानी 4.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,281.20 अंक पर पहुँच गया। दोनों प्रमुख सूचकांकों में पिछले साल 07 अप्रैल के बाद इतना बड़ा उछाल नहीं देखा गया था।
बाजार में सुबह से ही तेजी थी। बजट से पहले ही सेंसेक्स 500 अंक चढ़ चुका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसे-जैसे बजट भाषण पढ़ती गईं शेयर बाजार की तेजी बढ़ती गई। जब उन्होंने घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लोहा और इस्पात समेत कई प्रकार के कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क घटाने और तैयार सामान तथा कलपुर्जों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की शेयर बाजार तेजी से चढ़ा। बजट की 36 प्रतिशत राशि उधारी और अन्य देनदारियों से जुटाने की योजना है। बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों के शेयर तेजी से उछले।
मझोली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली का जोर रहा। बीएसई का मिडकैप 3.03 प्रतिशत चढ़कर 18,630.31 अंक पर और स्मॉलकैप 2.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,353.32 अंक पर पहुँच गया।
बीएसई के सभी समूह हरे निशान में रहे। बैंकिंग समूह का सूचकांक आठ प्रतिशत, वित्त समूह का सात प्रतिशत और रियलिटी का छह फीसदी से अधिक चढ़ा।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 27 के शेयर हरे निशान में रहे। इंडसइंड बैंक का शेयर 15 प्रतिशत के करीब, आईसीआईसीआई बैंक का 12 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व का 11 प्रतिशत और भारतीय स्टेट बैंक का 10 प्रतिशत से अधिक चढ़ा। डॉ. रेड्डीज लैब में करीब पौने चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही।
विदेशों में भी चौतरफा तेजी रही। एशिया में दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.70 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 2.15 प्रतिशत, जापान का निक्की 1.55 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.64 प्रतिशत चढ़ गया। यूरोप में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 1.08 प्रतिशत और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.57 प्रतिशत मजबूत हुआ।