कांग्रेस के गढ़ अमेठी में सेंध लगाने के लिये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ब्राह्मणों पर बड़ा दांव खेला है। चार विधान सभा वाले जिले में तीन ब्राह्मण और एक आरक्षित सीट पर अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में बसपा ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है। जिले में फिलहाल बसपा का खाता शून्य है। अमेठी विधानसभा सीट से रागिनी तिवारी, गौरीगंज विधानसभा सीट से राम लखन शुक्ला, जगदीशपुर विधानसभा सीट से जितेंद्र सरोज और तिलोई विधानसभा सीट से हरिवंश कुमार दुबे को प्रत्याशी घोषित किया है।
अमेठी और गौरीगंज सीटों पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक मतदाता की भूमिका में हैं । अब देखना होगा कि बसपा का ब्राह्मण कार्ड कितना कारगर होता है। पिछले चुनाव की बात करें तो बसपा ने 2007 में गौरीगंज विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी, उस चुनाव में बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी को टिकट दिया था। ब्राह्मण और एससी वोट की गणित से बसपा यह जीत दर्ज कर सकी थी। फिलहाल इस समय चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी भगवा धारण कर लिए हैं और भाजपा के टिकट दावेदारों में प्रमुख हैं।
अमेठी सीट पर रागिनी तिवारी को सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी से मुकाबला करना होगा। कांग्रेस और भाजपा ने अभी तक अमेठी में कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। अमेठी में पुराने बसपा नेता आशीष शुक्ला भी भगवा धारण कर लिए हैं और टिकट के दावेदारों में प्रमुख रूप से हैं। बीएसपी ने इसके पूर्व भी ब्राह्मणों पर दांव खेला था फिलहाल ब्राह्मण प्रत्याशी जीत नहीं दर्ज करा सके थे लेकिन बसपा को मुख्य मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिए थे।
गौरतलब पहलू यह है कि बसपा के कई कद्दावर नेता इन दिनों भाजपा में शामिल हो गए हैं जिसमें गौरीगंज से चंद्र प्रकाश मिश्र, विजय किशोर तिवारी और अमेठी के आशीष शुक्ला शामिल हैं इसके अतिरिक्त जिले में बसपा के नेता भी बहुत गिने-चुने ही रह गए हैं ऐसे में बीएसपी को जिले में प्रदर्शन करना बहुत बड़ी चुनौती है तिलोई और जगदीशपुर सीटों पर क्रमशः बीजेपी के मनकेश्वर शरण सिंह और मंत्री सुरेश पासी चुनावी मैदान में हैं। जगदीशपुर और तिलोई सीटों पर बसपा का अभी तक खाता नहीं खुल पाया है। फिलहाल इस बार जिले की सभी सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है।