बहुजन समाज पार्टी के नेता और सांसद कुंवर दानिश अली ने अपने संसदीय क्षेत्र अमरोहा में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराते हुए मदद का आग्रह किया है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सांसद अली ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को आज एक पत्र लिखा है। उन्होंने मोदी का ध्यान अपने संसदीय क्षेत्र अमरोहा में कोरोना वायरस से उत्पन्न अत्यंत गंभीर स्थिति की ओर आकर्षित कराते हुए त्वरित कार्रवाई और मदद की मांग की है। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र की जनता कोविड-19 महामारी की भारी चपेट में है। यह बीमारी गांव गांव में फैल गयी है किन्तु इस बीमारी से निपटने के लिए आवश्यक दवाएं, अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन एवं अन्य चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है। चिकित्सा सुविधाओं का भयंकर अभाव है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के नाते जनता की पीड़ा देख कर वह बहुत दुखी हैं। जिला प्रशासन उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को राहत देने एवं उनकी जान बचाने में अपनी लाचारी व्यक्त कर रहा है। बसपा सांसद ने पत्र में कहा कि इस संकट-काल में, मैं आप को बताना चाहता हूँ कि 2020 में देश में कोरोना महामारी की पहली वेव के दौरान मैंने भी अपना एक महीने का वेतन पीएम केयर्स फंड को दान किया था।केंद्र सरकार के निर्णय अनुसार, एमपीलैड योजना के तहत वर्ष 2020-21 और 2021-22 से संबंधित धनराशि पर अमरोहा सहित सम्पूर्ण भारत में कोविड-19 से लड़ने व चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से रोक लगा दी गई थी।
उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में पीएम केयर्स या एमपीलैड योजना की रुकी हुई धनराशि से आज तक कोई उल्लेखनीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस वजह से, मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग महामारी के इस संकट में बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता नहीं होने के कारण असमय मौत के मुंह में जा रहे हैं।
दानिश ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर से उत्पन्न भयावह स्थिति के मद्देनजर, अपनी जनता के प्रतिनिधि के रूप में, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि एमपीलैड योजना के तहत दो साल (2020-21 और 2021-22) के लिए जो धनराशि रोकी गई है, उसे तुरंत देश के तमाम सांसदों को जारी किया जाए। ताकि मैं और अन्य सभी संसद सदस्य अपने संसदीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाकर और पीड़ितों के लिए राहत का इंतेज़ाम कर के और अन्य सभी ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध करा कर उनकी जान बचाने का प्रयास कर सके। इस संकट की घड़ी में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की ज़िम्मेदारी का विकेंद्रीकरण बहुत ज़रूरी है। सभी सांसद और अन्य जन प्रतिनिधि जो अपने क्षेत्र को बखूबी जानते हैं, उन्हें अपने क्षेत्र की जनता को राहत पहुंचाने में सक्षम बनाने में एमपीलैड का फण्ड उनके हवाले करना एक अत्यंत आवश्यक कदम है।