और अब 'आरोग्य सेतु' एप पर सियासत

09-05-2020 15:44:48
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असदुद्दीन ओवैसी और राहुल गांधी ने विरोध में खोला मोर्चा

व्यक्तिगत सूचना जुटाने के साथ ही निजता भंग होने के लगाए आरोप

ड्रैगनजन्य कोरोना वायरस संक्रमण यानी कोविड-19 महामारी के दौर में पूरा विश्व जब भारत की रीति-नीति को सराह रहा है, ऐसे आपदा काल में देश के चंद चेहरे केवल और केवल विरोध करने व अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की मानसिकता से नहीं उबर पा रहे हैं। भारतीय राजनीति में सक्रिय ऐसे ही दो प्रमुख नाम हैं देश की सबसे पुरानी पार्टी बताई जाने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सदर व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी। दोनों नेता निजी हित समेत विभिन्न कतिपय कारणों से देश की वर्तमान सरकार का मौके-बेमौके पुरजोर विरोध करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध मोर्चा खोलते रहे हैं, आरोप लगाते रहे हैं, फैसलों-नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं। हालिया मामला है कोरोना से जंग में सरकार की तरफ से मोबाइल एप आरोग्य सेतु को कारगर हथियार बताए जाने के बाद इसे लेकर राहुल गांधी और असद्दुीन ओवैसी के मोर्चा खालने का। दरअसल भारत में राजनीति जो न करा दे, वह कम है है। पूर्व धारा-370, 35-ए, सीएए, एनआरसी और एनपीआर समेत तमाम मुद्दों को लेकर गैरबाजिब तरीके से केंद्र सरकार को घेरने वाले इन दोनों नेताओं ने अब आरोग्य सेतु एप पर राजनीति शुरू कर दी है। यदि सही मायने में देखा-समझा जाए तो ताजा मामला भी सरकार और प्रधानमंत्री के विरोध से ही जुड़ा है। कोरोन वायरस संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए आरोग्य सेतु ऐप पर विवाद बढ़ता जा रहा है। सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कारगर हथियार बताते हुए सभी प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए इसे इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईएमआईएम सदर असदुद्दीन ओवैसी ने आरोग्य सेतु एप को लेकर सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए। बीते दिनों कुछेक एथिकल हैकर्स ने भी इस एप के सुरक्षा संबंधी फीचर्स को लेकर सवाल उठाए थे। हालांकि सरकार ने एप को पूर्णत: सुरक्षित बताते हुए ऐसे तमाम आरोपों और आशंकाओं को खारिज कर दिया।

असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर लगाया लोगों का व्यक्तिगत ब्यौरा जुटाने का आरोप

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का आरोप है कि आरोग्य सेतु ऐप के जरिए सरकार लोगों का व्यक्तिगत ब्यौरा जुटा रही है। ओवैसी ने अपने ट्वीट के जरिए आरोग्य सेतु ऐप को संदेहास्पद बताया है। ओवैसी ने ट्वीट किया कि, ''केंद्र सरकार कोरोना वायरस से ताली, थाली, बिजली और एक बहुत संदेहास्पद ऐप से लड़ रही है। अब दिल्ली के सुल्तान ने एक फरमान जारी किया है कि जिसमें लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपना प्राइवेट डेटा सरकार (और जिसके साथ सरकार चाहे) के साथ जरूर शेयर करना है।'' 

राहुल गांधी ने भी डेटा प्रोटेक्शन और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाए

ओवैसी के बाद राहुल गांधी भी आरोग्य सेतु ऐप के खिलाफ मैदान में कूद गए। उन्होंने भी ने डेटा प्रोटेक्शन और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने बीती दो मई को ट्वीट किया, 'आरोग्य सेतु ऐप एक प्रभावशाली सर्विलांस सिस्टम है, जिसे प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंता हो रही है। टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।'

केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत निजता भंग होने और डाटा जुटाने के आरोपों को किया खारिज

हालांकि केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत निजता के हनन और लोगों का डाटा जुटाने के तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया।सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि यह ऐप आसपास कोई कोरोना संक्रमित मरीज होने पर अलर्ट करने के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों को ट्रैक और मैपिंग के लिए ऐप का इस्तेमाल हो रहा है। यदि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति नजदीक आता है तो यह ऐप लोगों को अलर्ट करता है, यह सबसे अच्छा वैज्ञानिक उपाय है। श्री जावड़ेकर ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इसमें किसी व्यक्ति की गोपनीयता भंग होने और व्यक्तिगत सूचना एकत्रित करने जैसी कोई बात ही नहीं है। उन्होंने बताया कि अगले एक दो साल तक यानी जब तक हम कोरोना वायरस के खिलाफ जंग पूरी तरह जीत नहीं लेते यह ऐप रहेगा।''

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप हर नागरिक को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने को को कहा है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लॉन्च किया गया है। यह यूजर्स को कोरोना वायरस संक्रमण जोखिम की गणना करने की सुविधा देता है। ब्लूटूथ टेक्नॉलजी, एल्गोरिदम्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर काम करने वाला यह ऐप यह भी बताया है कि आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है या नहीं।

जीवनरक्षक की भूमिका निभा रहा आरोग्य सेतु 

आरोग्य सेतु ऐप कोरोना से बचाव में अंगरक्षक की तरह या यूं कहें कि जीवनरक्षक की भूमिका निभा रहा है। दरअसल यह एप कोरोना को लेकर सजग-सचेत करने के साथ ही हमें बचाव के टिप्स देने का काम भी बखूबी कर रहा है। आरोग्य सेतु ऐप से हम यह पता लगा सकते हैं कि हमारे आसपास कौन और कितने लोग कोरोना संक्रमित हैं। इस ऐप में यदि ग्रीन जोन दिखता है, तो आप सुरक्षित जगह पर हैं और अगर पीला जोन दिखता है, तो आप के आसपास कोई न कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है। इसके माध्यम से हम अपने आसपास के 10 किमी तक के दायरे वाले एरिया की जानकारी हासिल कर सकते हैं। संक्रमित और संदिग्ध व्यक्ति का पता चलने पर हम समय रहते बचाव और उपचार के आवश्यक उपाय कर सकते हैं।

क्या है आरोग्य सेतु एप 

'आरोग्य सेतु' नामक मोबाइल एप को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना महामारी से जंग में मदद के लिए लॉन्च किया गया है। यह एप भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र ने विकसित किया है। इसे विकसित किए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करके उन्हें सुरक्षित रखना है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से इसे डाउनलोड करने की अपील की थी। जिसके बाद करोड़ों भारतीयों द्वारा यह एप डाउनलोड किया जा चुका है। यह एप कोरोना के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए जहां इस बीमारी के लक्षण, बचाव व रोकथाम से जुड़ी जानकारियां देता है, वहीं वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में लोगों की सहायता करता है। 

ब्लूटूथ, एल्गोरिदम और एआई तकनीक पर करता है काम 

'आरोग्य सेतु' कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के उद्देश्य से बनाया एक मोबाइल एप्लीकेशन है। इस एप को एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है। यह एप ब्लूटूथ, एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक के जरिए संबंधित मोबाइल धारक व्यक्ति के दूसरे लोगों से सम्पर्क का ब्यौरा जुटाकर कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे व जोखिम का आकलन करने में मदद करता है। मोबाइल नंबर का उपयोग करते हुए ब्लूटूथ, जीपीएस के माध्यम से यह एप हमारे आस-पास कोरोना संक्रमित लोगों की जानकारी देता है। इसके साथ ही किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने की आशंका पर भी अलर्ट नोटिफिकेशन देने का काम करता है। हालांकि यह एप ऐसा करने में तभी सक्षम जब हमारे संपर्क में आने वालों ने भी इस एप्लीकेशन को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करके सक्रिय कर रखा हो। इसके चलते ही सरकार आरोग्य सेतु एप को अधिेकतम मोबाइल फोन में इस्टॉल कराने को अभियान छेड़े हुए है।

ब्लू टूथ और लोकेशन ऑन रखना है जरूरी

यह एप आपके मोबाइल की ब्लू टूथ और लोकेशन को ऑन रखने को कहता है, आप इसे हरदम चालू रखिए। यह एप इंस्टॉल किए जाने के समय यह आपसे मोबाइल की लोकेशन के उपयोग की अनुमति मांगता है। इसे इंस्टॉल करने के बाद मोबाइल में ब्लूटूथ व लोकेशन ऑन रखें, क्योंकि यह एप इन दोनों के सक्रिय होने पर ही काम करता है। इनके जरिए यह एप आपकी मूवमेंट का डाटा जुटाता रहता है कि आप कब और कहां जा रहे हैं और बाहर जाने के दौरान आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में तो नहीं आए गए हैं। जब भी आप किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाएंगे तो यह एप ब्लू टूथ से आसपास के मोबाइल से संदेश का आदान-प्रदान करता रहता है। संपर्क खोज यानी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए यह एप हमारे मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ व लोकेशन डाटा का उपयोग करके यह बताता है कि आप कोरोना संक्रमण जोखिम के दायरे में हैं या नहीं। लोकेशन और ब्लूटूथ का उपयोग करके यह एप पता लगाता रहता है कि हमारे आसपास कोई संक्रमित या संभावित संक्रमित व्यक्ति तो मौजूद नहीं है। 

इंस्टॉलेशन-रजिस्ट्रेशन में आवश्यक है यह ब्यौरा

इंस्टॉलेशन-रजिस्ट्रेशन के दौरान संबंधित मोबाइल धारक का नाम, उम्र, लिंग, व्यवसाय और पिछले 14 दिनों में की गई विदेश यात्रा आदि जानकारी अंकित करना जरूरी है। इस एप में केंद्र और प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबर समेत तमाम ब्यौरा उपलब्ध है। यह आपको देश-विदेश के कोरोना संक्रमण का विवरण भी आपको उपलब्ध कराता रहता है। यह एप तभी कार्य करता है, जब आप अपने मोबाइल नंबर को रजिस्टर करते समय ओटीपी से उसे प्रमाणित करते हैं। यदि आप जरूरत पड़ने पर स्वयंसेवक (वालेंटियर) बनने के इच्छुक हैं तो एप रजिस्टर करते समय इसके लिए नामांकित करने का विकल्प भी है।  

स्वयं परीक्षण की देता है सुविधा

यह एप स्वयं परीक्षण यानी 'सेल्फ असेसमेंट टेस्ट' की सुविधा भी देता है। इसके लिए  यह एप आपसे कुछ सवाल पूछता है, जैसे क्या आपको खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी है। उत्तर में यदि नहीं लिखते हैं तो आप ग्रीन जोन में दिखेंगे। यह एप व्यक्तिगत विवरण के अलावा लक्षण, बीमारी संबंधी जानकारियों और आपकी लोकेशन के आधार पर इंगित करता है कि आपके आसपास कोरोना का कितना जोखिम है। इसके साथ ही यह आपको फोन पर परामर्श, कोरोना का टेस्ट कराने या डॉक्टर को दिखाने की जरूरत के बारे में भी मार्गदर्शन करता है।

जाना जा सकता है जोखिम का स्तर

आरोग्य सेतु एप से हरे तथा पीले रंग के जोन के जरिए जोखिम का स्तर भी जाना जा सकता है। आपके मोबाइल एप में यदि आपको हरे जोन में दर्शाया जा रहा है तो आपको कोई खतरा नहीं है और आप सुरक्षित हैं। इस एप में आपको यदि पीले रंग में दिखाया जाता है तो आप जोखिम में हैं और आपको हेल्पलाइन पर सम्पर्क करना चाहिए। इतना ही नहीं यदि कोई कोरोना पॉजिटिव या कोरोना संदिग्ध व्यक्ति आइसोलेशन के बजाए सार्वजनिक स्थल पर विचर रहा है तो यह जानकारी भी यह एप प्रशासन तक पहुंचाने का काम करता है।

हिंदी और अंग्रेजी सहित 11 भाषाओं में उपलब्ध

आरोग्य सेतु ऐप हिंदी और अंग्रेजी सहित फिलहाल कुल 11 भाषाओं में उपलब्ध है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा तैयार किए गए इस एप के डाउनलोड-इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया के दौरान इसमें भाषा चयन का विकल्प भी मौजूद है। एप खोलने के बाद आप हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बांग्ला समेत उपलब्ध 11 कुल भाषाओं में से अपनी पसंदीदा भाषा का चयन कर सकते हैं।

राज्य सरकारों ने भी लिया एप का सहारा

केंद्रीय चिकत्सा मंत्रालय के आरोग्य सेतु के अलावा कई राज्य सरकारों ने भी कोरोना से जंग को अपने स्तर पर मोबाइल एप विकसित कराए हैं। इनमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा आदि राज्य शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में 'कोरोना अलर्ट ट्रेसिंग सिस्टम' के जरिये होम क्वारंटीन में रखे गए हजारों लोगों पर नजर रखी जा रही है। हिमाचल प्रदेश में 'कोरोना मुक्त हिमाचल' और कर्नाटक में 'कोरोना वाच' एप के जरिए कोरोना पॉजिटिव लोगों के बीते 14 दिनों की आवाजाही का ब्यौरा जाना जा सकता है।


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