उच्चतम न्यायालय ने दिव्यांगों को घर-घर जाकर कोरोना-रोधी टीका दिये जाने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक गैर-सरकारी संगठन इवारा फाउंडेशन की याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने हालांकि राज्य सरकारों को इस मामले में नोटिस जारी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यदि राज्यों को इसमें फिलहाल शामिल किया गया तो दो सप्ताह तो क्या, दो माह में भी जवाब नहीं आएंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अंतत: टीकाकरण के लिए केंद्र को नीति तय करना है।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि चूंकि याचिका में दिव्यांगों के अधिकारों का जायज प्रश्न उठाया गया है, इसलिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया जाता है, जिसके जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दिव्यांगों के लिए टीकाकरण सेंटर तक पहुंचना मुश्किल होता है, इसलिए उनके घर जाकर टीका लगाये जाएं।
याचिकाकर्ता ने टीकाकरण के लिए समय तय करने में दिव्यांगों को प्राथमिकता दिये जाने और कोविन के अलावा समर्पित हेल्पलाइन शुरू करने की मांग भी की है।