और अब गूगल मैप्स में सुनाई दे सकती है 'बेसुरी' करार देकर आकाशवाणी से नकारी गई आवाज
एक दमदार आवाज जिसे कभी देश के सबसे बड़े सूचना-संचार माध्यम आकाशवाणी ने खारिज कर दिया था, यह आवाज अब जल्द ही गूगल मैप्स में आपको मार्ग सुझाते हुए सुनाई दे सकती है। समय फेर ही कहा जाएगा कि कभी 'बेसुरी' और 'भारी' करार देकर आकाशवाणी से नकारी गई इस आवाज के मालिक को आज दुनिया-जहान में बखूबी जाना-पहचाना जाता है। जी हां चौंकिए नहीं, हम बात कर रहे हैं भारतीय सिनेमा जगत के बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज के बारे में।
गूगल मैप नेविगेशन में कैरन जैकब्सन का विकल्प होगी अमिताभ की आवाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल मैप नेविगेशन के लिए अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। इस संदर्भ में कंपनी ने अमिताभ बच्चन से सम्पर्क साधा है। अमिताभ बच्चन अपनी दमदार आवाज के लिए जाने जाते हैं। गूगल मैप नेविगेशन में फिलहाल न्यूयॉर्क निवासी कैरन जैकब्सन की आवाज सुनाई पड़ती है। गूगल मैप एप वर्तमान में ड्राइविंग का अहम हिस्सा बन चुका है। गूगल मैप एप में फिलहाल ड्राइविंग के समय गूगल मैप से एक महिला की आवाज आती है, जिसके कहे अनुसार हम अपना रास्ता चुनते-बदलते हैं। कंपनी अब नेविगेशन के लिए हिन्दी सिनेमा जगत के शहंशाह अमिताभ बच्चन की आवाज को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ हो रहे अमिताभ और गूगल प्रबंधन के बीच इसे लेकर जल्द ही सहमति होने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि कंपनी और बिगबी के बीच रजामंदी बनी यानी सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ तो अमिताभ बच्चन बहुत जल्द गूगल मैप को अपनी आवाज दे सकते हैं। हालांकि बिगबी के कोरोनाग्रस्त होने के चलते इसमें कुछ विलंब हो सकता है।
अमिताभ संग गूगल प्रबंधन की हुई है बातचीत
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल अपने गूगल मैप के लिए अमिताभ बच्चन की आवाज की मदद लेने की तैयारी में है। कंपनी ने इसके लिए अमिताभ को अप्रोच किया है। जिसके बाद इस योजना को लेकर अमिताभ से गूगल प्रबंधन की बातचीत हुई है। अमिताभ बच्चन अपनी दमदार आवाज और बेहतरीन संवाद अदायगी के लिए जाने जाते हैं। उनकी आवाज देश की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली आवाज में शामिल है। ऐसे में गूगल मैप नेविगेशन के लिए अमिताभ की आवाज एक बेहतर विकल्प हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील को लेकर फिलहाल अमिताभ बच्चन और गूगल की तरफ से को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
सिर चढ़कर बोल रहा है 'फटे बांस' जैसी करार देकर नकार दी गई आवाज का जादू
प्रख्यात हिन्दी साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन के बेटे अमिताभ ने अभिनय जगत में कदम रखने से पूर्व ऑल इंडिया रेडियों यानी आकाशवाणी से जुड़ने का प्रयास किया था। ऑल इंडिया रेडियो में हुए स्वर परीक्षण (ऑडिशन) में वाणी विशेषज्ञों ने उनकी आवाज को तय मानकों से भिन्न मानते हुए खारिज दिया और अमिताभ की आवाज को 'बेसुरी' और 'भारी' मानते हुए 'फटे बांस' जैसी करार देकर उन्हें बैरंग लौटा दिया था। हालांकि बाद में अमिताभ बच्चन ने आकाशवाणी के कर्ता-धर्ताओं द्वारा 'बेसुरी' और 'फटे बांस' जैसी करार देकर नकारी गई अपनी इसी आवाज के बूते न केवल फिल्मों में संवाद अदायगी और गायन के क्षेत्र में ही अपनी शहंशाहत कायम की, बल्कि एक मायने में आवाज के तयशुदा मानकों को ही हमेशा के लिए पलट डाला। अमिताभ बच्चन की आज आवाज भारतीय जनमानस की सबसे पहचानी हुई आवाजों में से एक है। करीब दो सौ फिल्मों में अभिनय के साथ ही अमिताभ बच्चन दो दर्जन से अधिक फिल्मों में पार्श्वगायन भी कर चुके हैं।
देश और सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानित
भारतीय सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मनित अमिताभ बच्चन ने बीते वर्ष 2019 में अपने सफलतम फिल्म करियर के 50 साल पूरे किए और इसी साल उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च और प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अमिताभ देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल तीनों पद्य पुरस्कार पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्मश्री से सम्मानित की जाने वाली विभूतियों में एक हैं। अमिताभ के 51 साला करियर में उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और बारह फेल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, वहीं मीडिया और प्रशंसकों ने उन्हें एंग्री यंगमैन से लेकर, शहंशाह, बिगबी, सदी का महानायक तक तमाम खिताबों से नवाजा। उनके नाम सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सर्वाधिक एक दर्जन से अधिक बार फिल्मफेयर अवार्ड पाने का रिकार्ड है।
51 साल लंबे फिल्म करियर में देखे हैं तमाम उतार-चढ़ाव
अमिताभ बच्चन ने अपने 51 साल लंबे फिल्म करियर में शुरूआती दौर से लेकर भारतीय सिनेमा जगत में महानायक का खिताब पाने और उसे बरकरार रखने के सफर में तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं। वर्ष 1969 में रिलीज फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से अभिनय क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत करने वाले अमिताभ अपने जीवन में 77 बसंत देखने के बावजूद अभी भी सत्रह साल की ऊर्जा से लबरेज दिखते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी उनके पास फिल्मों और विज्ञापनों कोई कमी नहीं है। कारोबारी दिक्कतों के बीच उन्होंने टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' से छोटे परदे पर अपना डेब्यू किया, जो उनके डूबते करियर को संभालने और उन्हें आर्थिक मजबूती देने में कारगर साबित हुआ।
लॉकडाउन के दौरान अमिताभ के नाम दर्ज हुआ एक रिकॉर्ड
लॉकडाउन के दौरान भी अमिताभ बच्चन के नाम एक रिकॉर्ड भी कायम हो गया है। अमिताभ ऐसे पहले बड़े अभिनेता हैं जिनकी फिल्म से फीचर फिल्मों के डिजिटल रिलीज का दौर शुरू हुआ। उनकी मराठी फिल्म एबी यानि सीडी ऐसी पहली फिल्म है जो लॉकडाउन के चलते डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली पहली भारतीय फीचर फिल्म बनी। इसके बाद बीते जून माह में अमिताभ की आयुष्मान खुराना संग जोड़ी वाली फिल्म 'गुलाबो सिताबो' ओटीटी प्लैटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई, इसे दर्शकों ने खासा पसंद किया।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हैं अमिताभ की अभिनय कला के कायल
लोकप्रियता आलम यह है कि दर्शकों में आज भी अमिताभ का क्रेज देखते ही बनता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग अमिताभ बच्चन की अभिनय कला के कायल हैं। अमिताभ बच्चन निकट भविष्य में अपने बेटे अभिषेक बच्चन संग साइंस फिक्शन फिल्म 'टाइम मशीन', करण जौहर के बैनर की अयान मुखर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित सुपरहीरो फिल्म ब्रह्मास्त्र, यूटीवी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनी शूजीत सरकार निर्देशित 'शू बाइट', निर्देशक नागराज मंजुले की झुंड, निर्देशक विवेक शर्मा की क्राइम थ्रिलर 'बुद्धं शरणम् गच्छामि', वर्ष 2002 में रिलीज 'आंखें' की अनीस बज्मी निर्देशित सीक्वल 'आंखे 2', रूमी जाफरी निर्देशित सस्पेंस थ्रिलर चेहरे और निर्माता-निर्देशक आर. बाल्की की अनाम फिल्म समेत करीब दर्जनभर से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय कौशल दिखाते नजर आएंगे। अमिताभ पहली बार किसी तमिल फिल्म उयर्न्दा मणिथन में दिखेंगे, इसका हिंदी
संस्करण 'तेरा यार हूं मैं' है। कन्नड़ फिल्म बटरफ्लाई में भी काम कर रहे
हैं।