अमेज़न इंडिया ने देश भर में अपने 50 से ज्यादा फुलफिलमेंट सेंटर्स से पैकेजिंग में उपयोग आने वाली सभी सिंगल-यूज़ प्लास्टिक को हटाने की सोमवार को घोषणा की है।
इस तरह कंपनी ने स्थायित्वपूर्ण विकास की दिशा में अपने प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सितंबर 2019 में कंपनी ने पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला बनाने के प्रयास के तहत इस लक्ष्य को जून 2020 तक की समय सीमा में पूरा करने का संकल्प लिया था।
अमेज़न इंडिया ने अपने स्वयं के आपूर्ति नेटवर्क में सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से हटाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इस लक्ष्य को पाने के लिए पहली महत्वपूर्ण उपलब्धि दिसंबर 2019 में हासिल की गई थी, जब कंपनी ने अपनी पैकेजिंग में प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री, जैसे बबल रैप्स और एयर पिलो को पेपर कुशन के साथ प्रतिस्थापित किया था। कंपनी ने इस वर्ष की शुरुआत में 100 फीसदी प्लास्टिक-मुक्त और बायोडिग्रेडेबल पेपर टेप पेश किया, जिसका उपयोग ग्राहक शिपमेंट को सील करने और सुरक्षित ढंग से भेजने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, कंपनी ने अन्य सामग्रियों के साथ कस्टसमर डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाली पतली क्लिंग फिल्मों को भी हटाया है जिनकी प्रकृति सिंगल-यूज़ प्लास्टिक की नहीं हैं। अमेज़न फुलफिलमेंट सेंटर्स से उत्पन्न होने वाली अन्य सभी प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध संग्रह, अलग करके रखने की व्यवस्था और रीसाइक्लिंग चैनलों के जरिये 100 फीसदी रिसाइकल करने योग्यथ है। अमेज़न इंडिया सीधे ग्राहकों की मांग को पूरा करने वाले अपने विक्रेताओं को भी इस नए बदलाव के बारे में शिक्षित कर रहा है।
अमेज़न इंडिया ने अपनी पैकेजिंग क्षमता को बेहतर बनाने के लिए इनोवेटिव प्लास्टिक-मुक्त समाधान विकसित करते हुए कई प्रयोग किए हैं। कंपनी ने पैकेजिंग में बचने वाले फालतू कचरे को कम करने के लिए टिकाऊ पैकेजिंग इनोवेशन को डिजाइन करने के लिए निर्माताओं के साथ सहयोग किया है। इस दिशा में किए गए प्रयोगों ने कंपनी को ग्राहक अनुभव या उत्पाद सुरक्षा को प्रभावित किए बिना स्थायित्वपूर्ण विकास के लक्ष्यों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने में सक्षम बनाया है।
अमेज़न इंडिया में कस्टमर फुलफिलमेंट एवं सप्लाई चेन के निदेशक प्रकाश कुमार दत्त कहते हैं, “हमने फुलफिलमेंट सेंटर्स में पैकेजिंग में उपयोग में लाई जाने वाली सिंगल-यूज़ प्लास्टिक को हटा दिया है। यह स्थायी आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में हमारी अथक यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारा उद्देश्य ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाते हुए नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना है। पिछले कुछ महीनों में लॉकडाउन और महामारी से उपजी अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करते हुए, हमने यह सुनिश्चित करने की दिशा में प्रगतिशील कदम उठाना जारी रखा है कि हम अपनी प्रतिबद्धता को पूर करते रहें। हमारा मानना है कि स्थायी प्रथाओं की ओर बढ़ना हमारे इस धरती, ग्राहकों और व्यापार के लिए अच्छा है, और हम इस मोर्चे पर निवेश और इनोवेशन करना जारी रखेंगे। ”
इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने घोषणा की थी कि उसने 100 से अधिक शहरों में अपनी इंडिया-फर्स्ट पहल के तहत पैकेजिंग-फ्री शिपिंग (पीएफएस) का विस्तार किया है। अब अमेज़न इंडिया के फुलफिलमेंट सेंटर्स से भेजे जाने वाली कस्टिमर डिलीवरीज के 40 फीसदी से ज्यादा ऑर्डर या तो पैकेजिंग-फ्री या फिर काफी कम पैकेजिंग के साथ होंगे। कंपनी सितंबर 2019 से राष्ट्रीय स्तर पर इसके उपयोग के बराबर प्लास्टिक कचरे का संग्रह और पुनर्चक्रण भी कर रही है। अमेज़न फुलफिलमेंट नेटवर्क में उपयोग से उत्पन्न 100 फीसदी प्लास्टिक अपशिष्टर के बराबर कचरा इकट्ठा करने में मदद करने के लिए इसने कलेक्श न एजेंसीज की पहचान की है।
अधिक जानकारी और सस्टेेनेबिलिटी मेट्रिक्सक के लिए अमेज़न की सस्टेहनेबिलिटी वेबसाइट भी देखी जा सकती है। इसमें उन कदमों के बारे में पता चलेगा जोकि कंपनी क्लारइमेट संकल्प लेने के लिए उठा रही है। इससे पहले जून 2020 में वेरिजॉन, इंफोसिस, और रेकिट बेंकाइजर (आरबी) ने जलवायु संकट से तुरंत निपटने के लिए पेरिस समझौते को दस वर्ष पहले पूरा करने की दिशा में अमेज़न का साथ देने के लिए जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। फिलहाल चल रहे इनोवेटिव कार्यक्रमों के जरिये तय किए गए लक्ष्य, प्रतिबद्धताएं, निवेश व परियोजनाएं स्थायित्वपूर्ण विकास की दिशा में अमेज़न की प्रतिबद्धताओं को व्यक्त करती हैं। इन कार्यक्रमों में शामिल हैं- शिपमेंट जीरो, जिसके तहत 2030 तक 50 फीसदी विशुद्ध शून्य कार्बन के साथ सभी शिपमेंट को शून्य कार्बन वाला बनाने का अमेज़न का लक्ष्य है। स्थायित्वपूर्ण पैकेजिंग पहलें, जिनके तहत सरल पैकेजिंग और अपने बैग में सामान की पैकेजिंग उपायों ने 2015 से पैकेजिंग वेस्ट में 25 फीसदी की कमी की है। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम, क्लो ज्डे लूप फंड के साथ सर्कुलर इकोनॉमी में निवेश जैसी पहलों का नेतृत्व अमेज़न की टीमों की ओर से हर दिन किया जा रहा है।