ऐश्वर्य प्रताप तोमर से ओलम्पिक में है पदक की उम्मीद : सूमा शिरूर

01-04-2021 11:46:29
By : Sanjeev Singh


मध्य प्रदेश के युवा निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने 50 मीटर 3 पोजीशन इवेंट में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए फाइनल में वर्ल्ड नंबर 1 इस्तवान पेनी पर बढ़त हासिल करने के लिए 462.5 का स्कोर किया। किसी सीनियर विश्व कप में यह उनका पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक था।

जूनियर इंडियन राइफल शूटिंग टीम से बेहतरीन प्रदर्शन कराने वाली विशेषज्ञ कोच सूमा शिरूर ने ओलंपिक चैनल से कहा , 'लॉकडाउन से बाहर आने के बाद से वह हर प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे।'

शिरूर ने कहा, 'उन्होंने ट्रायल में 1182 और फिर अखिल भारतीय विश्वविद्यालय चैंपियनशिप में 1185 शूटिंग की। विश्व कप में उनका स्कोर बहुत अधिक नहीं था, लेकिन कुल मिलाकर स्कोर (50 मीटर) 3 पोजिशन इवेंट में कम था। यह बहुत कठिन बाहरी परिस्थितियों के कारण है। उस दिन बहुत हवा भी थी।' उन्होंने कहा, 'लेकिन वहां जिस तरह से उन्होंने परिपक्वता दिखाई वह उनके अब तक के करियर से पूरी तरह अलग थी। परेशानियों को दूर करना और फाइनल जीतना अभूतपूर्व था।'

फरवरी में 20 साल का हो जाने के बाद ऐश्वर्य 3 पोजिशन इवेंट में शूटिंग विश्व कप स्वर्ण जीतने वाले इतिहास के सबसे कम उम्र के निशानेबाज भी हैं। वह नयी दिल्ली विश्व कप में राइफल स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी थ। भारतीय निशानेबाजों ने नयी दिल्ली विश्व कप में पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया। 15 स्वर्ण सहित कुल 30 पदकों के साथ यह विश्व कप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

ऐश्वर्य के निजी कोच होने के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता शिरूर जूनियर इंडियन राइफल शूटिंग टीम की उच्च प्रदर्शन विशेषज्ञ कोच भी है। उसने दिव्यांश सिंह पंवार और ऐश्वर्य के करियर को आकार दिया है, क्योंकि दोनों ने जूनियर्स के माध्यम से प्रगति की है और भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया है।

दिव्यांशु, ऐश्वर्य और दीपक कुमार ने एयर राइफल पुरुषों की टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता। ऐश्वर्य ने सुनिधि चौहान के साथ मिलकर 50 मीटर 3 पोजीशन मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य भी जीता है।

शिरूर ने कहा, 'मैं ऐश्वर्य और दिव्यांशु के लिए बेहद खुश हूं, क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत पदक जीते हैं। हमें और क्या चाहिए और जब आप ओलंपिक के बारे में सोचते हैं तो यह महत्वपूर्ण है। आपके पास ओलंपिक में एयर राइफल स्पर्धा में मिश्रित टीम इवेंट है, लेकिन टीम इवेंट्स नहीं है। वर्तमान में हमारे पास मिश्रित टीम में कोटा नहीं है। व्यक्तिगत पदक जीतना बहुत महत्वपूर्ण है।'

नई दिल्ली विश्व कप एक वर्ष से अधिक समय के बाद भारतीय दल के लिए पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी। इस तरह इसने निशानेबाजों के साथ-साथ कोचों को भी मदद की, जहां वो ओलंपिक के लिए तैयारियों में जुटे हुए थे।

शिरूर ने कहा, 'जिस तरह से उन्होंने लॉकडाउन से पार पाया , वह बहुत अलग था, लेकिन शुरुआती हिस्सा लेना सभी के लिए मुश्किल था। हमने वास्तव में कुछ महीनों तक कुछ नहीं किया। इसलिए जब वो वापस आए, तो बस इतने ही घंटों तक वहां खड़े रहना अपने आप में एक चुनौती थी। कुल मिलाकर सहनशक्ति थोड़ी कम हो गई थी। उनमें से अधिकांश के लिए उनकी किट को कुछ बदलावों की आवश्यकता थी। उन्हें अपनी राइफलें, उपकरण ठीक करने की जरूरत थी। हर एक की अपनी चुनौतियां थीं।'

सूमा शिरूर ने आगे कहा, 'लॉकडाउन के बाद यह पहला विश्व कप और पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी। हर कोई इसके लिए तत्पर था, खासकर क्योंकि ओलंपिक कुछ महीने ही दूर है। इसे ध्यान में रखते हुए, शूटिंग की दुनिया के लिए शुरुआत करना महत्वपूर्ण था। ओलंपिक की तैयारी को ध्यान में रखते हुए यह एक बहुत अच्छी शुरुआत थी।'

46 वर्षीय शिरूर को ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर के लॉकडाउन के दौरान एक विशेष चुनौती से उबरने में खुशी हुई और उन्होंने हाल ही में समाप्त हुए शूटिंग विश्व कप में 50 मीटर 3 पोजीशन कार्यक्रम में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

शिरूर ने कहा, 'लॉकडाउन के बाद वह अचानक ही बड़े लगने लग गए थे। मैं उन्हें एक बच्चे की तरह देख रही थी, लेकिन वह एक वयस्क की तरह लग रहे थे! इसके बाद उन्होंने अपने विकास में तेजी लाना शुरू कर दिया।'

शिरूर लॉकडाउन की बाधा के बाद निशानेबाजों के हालिया प्रदर्शन से उत्साहित है और जिस तरह से उन्होंने तकनीकी रूप से और मानसिक रूप से मजबूती दिखाई है वह और भी आशावादी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अब निशानेबाज ओलंपिक के लिए तैयार नजर आ रहे हैं।
 


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