कांग्रेस ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना पीड़ितों के साथ असंवेदनशीलता से पेश आ रही है और मृतकों के गलत आंकड़े दे रही है इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की नेता अनुराधा मिश्रा ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में पवित्र गंगा और यमुना नदियों में लोग कोरोना मृतकों के शव बहाने को मजबूर हैं और राज्य सरकार सिर्फ गलत आंकड़े देने का खेल कर रही है इसलिए मुख्यमंत्री इस्तीफा दें अन्यथा राज्यपाल उन्हें बर्खास्त करें।
उन्होंने केंद्र तथा राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर मिलीभगत से कोरोना मृतकों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि महामारी से होने वाली मौत के आंकड़े गलत देने के इस खेल को तत्काल बंद किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में किस तरह से गलत आंकड़े दिए जा रहे हैं इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि पिछले एक साल में राजधानी लखनऊ है 2268 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 1 अप्रैल से 15 मई तक 7890 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए जबकि 15 फरवरी से 31 मार्च तक 5970 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए है।
उन्होंने सवाल किया कि पिछले दो माह के दौरान लखनऊ में 2000 अतिरिक्त मृत्यु प्रमाण क्यों जारी हुए है। उन्होंने कहा कि कोरोना से हो रही मौतें सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना था केंद्र सरकार और राज्य सरकार आंकड़ों में मिलीभगत क्यों कर रही है और इससे किसको फायदा नहीं होगा इसलिए आंकड़े छिपाने का खेल बंद होना चाहिए।
विधयक दल के नेता ने कहा कि लखनऊ में लोगों को अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं मिल रही और बड़ी संख्या में लोग दम तोड़ रहे है लेकिन सरकार कोरोना से होने वाली ज्यादा मौतों को छिपा रही है और उन्हें सामान्य बता रही है। उनका कहना था कि लखनऊ के बैकुंठ धाम में दिन-रात शवों को जलाया जा रहा है फिर भी सरकार कहती है कि कोरोना से लोग नहीं मर रही है।