सरकार ने कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट के चलते केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर लगी रोक को हटाते हुए इसे बहाल करने का निर्णय लिया है। महंगाई भत्ते की दर में 11 फीसदी की बढोतरी कर इसे 28 फीसदी पर तय किया गया है और यह दर इसी साल एक जुलाई से लागू होगी।
केन्द्रीय कर्मचारियों को भत्ते पर लगी रोक के समय यानी एक जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक के महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान नहीं किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के निर्णय को मंजूरी दी गयी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते तथा पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई राहत पर लगी रोक को हटा लिया है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ते की दर 17 फीसदी थी और अब इसे 11 फीसदी बढाकर 28 फीसदी किया गया है। नयी दर इसी वर्ष एक जुलाई से लागू होगी।
कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न संकट के चलते केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर एक जनवरी 2020 से रोक लगा दी गयी थी। पत्र सूचना कार्यालय ने एक ट्वीट कर स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को भत्ते पर लगी रोक के समय यानी एक जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक के महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान नहीं किया जायेगा। सरकार के इस निर्णय से महंगाई भत्ते की बकाया राशि का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है।