उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गौतमबुद्धनगर के बिसरख क्षेत्र से मुठभेड़ में कपड़ा व्यवसायी की हत्या को अन्जाम देने जा रहे अनिल दुजाना गिरोह के सदस्य समेत छह शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने मगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना प्राप्त हुई थी कि अनिल दुजाना गिरोह का शातिर बदमाश कर्नल गिरी किसी व्यक्ति की हत्या की सुपारी लेकर अपने साथियों के साथ ग्रेटर नोएडा मेें मौजूद है, जो लोनी क्षेत्र मेें हत्या करने जाने वाला हैं। इस सूचना पर नोएडा एसटीएफ के निरीक्षीक राकेश कुमार पालीवाल के नेतृत्व में मुठभेड़ के दौरान व्यवसायी की हत्या करने के लिए जा रहे कार सवार छह बदमाशों को बिसरख इलाके में राइज चौक से सोमवार शाम करीब पौने सात बजे गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों में मेरठ के एैंची खुर्द निवासी कर्नल गिरी उर्फ कन्नू उर्फ पवन उर्फ राजकुमार उर्फ सोनू ,अलीपुर निवासी रोहित उर्फ सुमित, हरियाणा के फरीदाबाद निवासी श्याम सुन्दर उर्फ शम्भू उर्फ राजीव उर्फ फौजी , बुलंदशहर के महमदपुर केहरी निवासी रिंकू भाटी, रोहित ठाकुर उर्फ रोहित परमार और मुजफ्फरनगर के कुरथल निवासी विनोद कुमार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो पिस्टल 32 बोर,दो तमंचे 315 बोर और बड़ी संख्या में खोखा और जिंदा कारतूसों के अलावा पांच किलो 200 ग्राम गांजा, पांच माेबाइल फोन और दो लग्जरी कार फर्जी नम्बर प्लेट लगी बरामद की गई।
श्री सिंह ने बताया कि गिरफ्तार कर्नल गिरि की उम्र करीब 32 साल है और इण्टर पास है। वह वर्ष 2007 में बलात्कार के आरोप में पहली बार जेल गया था,उस समय मेरठ जेल में बन्द गौतमबुद्धनगर के दनकौर राहुल निवासी ठसराना दनकौर गौतमबुद्धनगर से उसकी दोस्ती हो गयी थी। राहुल ठसराना अनिल दुजाना के लिए काम करता था। जेल से बाहर निकलने के बाद राहुल ठसराना के कहने पर वर्ष 2009 में अशोक निवासी गंगानगर, मेरठ की हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि इस मुकदमें मेें वह लगभग 18 महीने जेल मेें रहा था। उस समय मेरठ जेल मेें कुख्यात सुनील राठी के मामा का लड़का प्रविन्दर राठी हत्या के केस मेें बन्द था और आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, वही से उसकी प्रविन्दर राठी से जान पहचान हो गई थी। रूड़की जेल मेें वर्ष 2011 मेें सुनील राठी बन्द था, जहाॅ पर उसका जेलर से झगड़ा हो गया था। इसलिए सुनील राठी ने प्रविन्दर राठी और कर्नल गिरी तथा अन्य सहयोगियोें के साथ मिलकर जेलर की हत्या करवा दी थी। जिसमेें वह 07 मार्च 2012 को जेल गया था और लगभग साढ़े सात साल मुजफ्फरनगर की जेल मेें बन्द रहा था। जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात बुलन्दशहर के कुख्यात बदमाश बलराम ठाकुर, गौतमबुद्धनगर के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना तथा मुजफ्फरनगर के बदमाश ब्रहम सिंह किरथल आदि से काफी जान पहचान हो गयी थी जिसके बाद से वह इनके संपर्क मेें आ गया था।