Pic: Taliban Top Political Leader Mullah Abdul Ghani Baradar & Other Taliban's Delegation (Voanews.com)
अमेरिका द्वारा 10 सितंबर को तालिबान के साथ शान्ति वार्ता बंद करने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अफगान शांति वार्ता को एक बार से शुरू करने का आग्रह किया है.
पाकिस्तान और तालिबान ने अमेरिका से जल्द से जल्द अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आज तालिबान प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात के बाद कहा कि अफगानिस्तान में 40 साल लंबे संघर्ष और अस्थिरता के कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ही देशों के लोगों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है. अमेरिका और तालिबान के बीच चल होने वाली वर्तमान की शान्ति वार्ता अफगानिस्तान में संघर्ष के एक प्रारंभिक, शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी संभव प्रयास की तरह थी और इस वार्ता को सफल बनाने का यह सही समय है.
इसके अलावा कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में स्थायी शांति में सहयोग के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा.
विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कई वर्षों से यह सुनिश्चित किया है कि अफगानिस्तान की जटिल स्थिति का कोई सैन्य समाधान नहीं है. साथ ही कुरैशी ने कहा कि "एक समावेशी शांति और सुलह प्रक्रिया, अफगान समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़ने का एकमात्र व्यावहारिक तरीका है।"
इसके अलावा अफगानिस्तान में शांति पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगी. कुरैशी ने शांति प्रक्रिया में तालिबान के गंभीर जुड़ाव की सराहना की जिसमे उन्होंने इन प्रयासों को उनके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
हाल ही में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए व्यापक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सर्वसम्मति ने इस क्षेत्र में शान्ति स्थापित करने के लिए एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान किया जिसे गवाया नही जाना चाहिए.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बताया कि प्रधान मंत्री इमरान खान ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से एक बार फिर वार्ता की मेज पर लौटने और तालिबान के साथ जल्द से जल्द समझौते का समापन करने का आग्रह किया था.
गौरतलब है कि पिछले महीने, तालिबान के अमेरिका के साथ गुप्त वार्ता से एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक अमेरिकी सैनिक की हत्या के बाद उसकी जिम्मेवारी तालिबान के द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद शांति वार्ता बंद कर दी थी. जिसके बाद इस हमले में एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगों की जाने चली गयी थी तथा ट्रंप ने इस हमले की निंदा की थी.