भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीिय सहकारी व्यारपार मेला कल से नई दिल्ली में शुरू हो गया. तीन दिन का यह मेला सहकारी समितियों के उत्पाकदों के निर्यात को बढ़ावा देने के बड़े मंच की भूमिका निभाएगा और इससे गांवों और किसानों की समृद्धि बढ़ेगी. मेले में 36 देशों के संगठन भाग ले रहे हैं. इसका उद्घाटन करते हुए कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सहकारिता भारतीय संस्कृति का मुख्य आधार है.
उन्होंने बताया कि इस मेले में भारत की डेढ़ सौ से ज्यादा सहकारी समितियां हिस्सा ले रही हैं. इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि डिलीवरी और हाट-व्यमवस्थाद जैसी चुनौतियों पर चर्चा करने का यह ऐतिहासिक अवसर है. उन्होंने अमूल का उदाहरण देते हुए कहा कि इस सहकारी समिति के उत्पानद देश के घर-घर में पहुंच रहे हैं. श्री तोमर ने बताया कि यह मेला सरकार की 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा है. कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे 94 प्रतिशत किसान कम से कम एक सहकारिता संस्थान के सदस्य हैं. सहकारिता क्षेत्र में कृषि निर्यात को मौजूदा 30 अरब डॉलर से 2022 तक 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि पहली बार आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मे भारतीय सहकारी उत्पादों के निर्यात संवर्द्धन का एक प्रमुख मंच बन सकता है.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सहकारिता क्षेत्र में क्रांति लाने की तर्ज पर स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया की तर्ज पर केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया. दरअसल केंद्र सरकार की योजना सहकार को बढ़ावा देकर देश में चीन की तर्ज पर अर्थक्रांति लाने की है. इस योजना के तहत कारोबार के लिए युवाओं को 1 से तीन करोड़ रुपए तक का लोन मिलेगा.
कृषि मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम इस योजना के लिए रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराएगा. योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र और आकांक्षी जिलों में सहकारिता समितियों को नवाचार के लिए 80 और 20 के अनुपात में लोन मिलेगा. यह सुविधा शत प्रतिशत महिला सहकारी समितियों, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों तथा दिव्यांगों को दी जाएगी. अन्य सहकारी समितियों को 70 और 30 के अनुपात में लोन मिलेगा. योजना के तहत कारोबार करने के लिए एक से तीन करोड़ रुपए का लोन मिलेगा. सरकार ने 'युवा सहकार सहकारी उद्यम सहायता व नवाचारी योजना' का सालाना बजटीय आवंटन 100 करोड़ रुपए रखा है. इस योजना का मकसद देश के गांवों में अर्थ क्रांति लाना है. इस मेले का आयोजन राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम ने कृषि एवं वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से नाफेड और एपीडा जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर किया है.
पहली बार आयोजित किए गए भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले में 35 देशों के प्रतिनिधि और संगठन अपने अपने उत्पादों को लेकर आए हैं. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जापान, इजरायल, चीन, ब्राजील, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, फिजी, जर्मनी, ईरान, मलेशिया, मारीशस, रुस, स्पेन, श्रीलंका आदि शामिल हैं. मेले का आयोजन कृषि, वाणिज्य तथा विदेश मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय संगठन नेडैक के अलावा नैफेड, एपीडा आईटीपीओ की ओर से किया गया है. तेलंगाना, हरियाणा, उत्तराखंड, पुड्डुचेरी, मेघालय और गोवा व्यापार मेले के साझीदार राज्य है. इफको, आईपीएल, अमूल, सीडीबी, यूपीएल, एफएओ, लिनाक, नैफकब आदि की मेले में भागीदारी है. इस मेले के आयोजन का मकसद कृषि और उससे संबंधित उत्पादों को व्यापक अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराना है.